पृथ्वी की आंतरिक संरचना | prithvi ki aantarik sanrachana

हमारी पृथ्वी को बहुत से भागो में बाँटा गया है | रासायनिक विभाजन के आधार पर पृथ्वी को तीन भागो में बांटा गया है, जो कुछ इस प्रकार है - भूपर्पटी (crust), आवरण (mantle), अन्तर्भाग (core) | भूपर्पटी पृथ्वी का सबसे ऊपरी भाग है, आवरण मध्य भाग तथा अन्तर्भाग अपने नाम की ही तरह सबसे अंदर का भाग है | भूपर्पटी पृथ्वी का सख्त भाग है, वही आवरण बहुत ही गाढ़ा है, तथा अन्तर्भाग भी एक सख्त भाग है | 




 यांत्रिक विभाजन (Mechanical division) में पृथ्वी को चार भागो में बांटा गया है, जो कुछ इस प्रकार है - स्थलमंडल (lithosphere),एस्थेनोस्फीयर (asthenosphere), मध्यमंडल (mesosphere), बाहरी कोर (outer core ), आन्तरिक कोर (inner core ) | 


भूपर्पटी 


भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह है | इसे दो भागो में बांटा गया है - महाद्वीप भूपर्पटी तथा महासागर भूपर्पटी | 

महाद्वीप भूपर्पटी वो भाग है, जहाँ हम रहते है, इसी भाग में जंगल इत्यादि आते है | वही महासागर भूपर्पटी के ऊपर समुद्र है | 

महाद्वीप भूपर्पटी की मोटाई लगभग 35-50km | इस भाग में silicates तथा aluminium की मात्रा अधिक है | वही यदि हम महासागर भूपर्पटी की बात करे तो इसकी मोटाई लगभग 3-5km है | महासागर भूपर्पटी की मोटाई कम होने की वजह से यहाँ पर भूकंप ज्यादा महसूस किया जा सकता है, पर ये जगह इतना नीचे है कि हम वहाँ नहीं जा सकते है | लगभग 70% ज्वालामुखी का विस्फोट महासागर भूपर्पटी से होता है | 

पृथ्वी पर अब तक जो सबसे पुराना खनिज मिला है, वह 4.4 अरब साल पुराना है, जो दर्शाता है कि पृथ्वी पर ठोस परत आज से 4.4 अरब साल पहले से है | 


आवरण 


यह भाग भूपर्पटी के तुरंत बाद आता है | यह भाग अत्यधिक गाढ़ा है, तथा इस भाग में silicon और magnesium की मात्रा अत्यधिक पाई जाती है | आवरण का घनत्व 3-5 g/cc है | इसकी मोटाई 65-2900km है, जो की पृथ्वी के आयतन (volume) का 84% है | 

आवरण का तापमान भूपर्पटी की तरफ लगभग 1000°C (1832°F), वही अन्तर्भाग की तरफ लगभग 3700°C (6692°F) है | आवरण का दबाव व गर्मी बढ़ती चली जाती है, जैसे-जैसे हम भूपर्पटी से अन्तर्भाग की तरफ जाते है | स्थलमंडल (lithosphere),एस्थेनोस्फीयर (asthenosphere) ऊपरी आवरण के भाग है |


अन्तर्भाग


पृथ्वी का अन्तर्भाग पृथ्वी की सतह से लगभग 2,900km नीचे है, तथा इसकी त्रिज्या (radius) लगभग 3,485km है | अन्तर्भाग का घनत्व 9.12 g/cc है | हमारी पृथ्वी पर जितना भी sulphur मौजूद है, उसका 90% अन्तर्भाग में मौजूद है | इस भाग में nickel और iron की मात्रा भी बहुत अधिक है | 

वैसे तो हम जानते है की अन्तर्भाग पृथ्वी का सबसे गर्म भाग है | पर इसके सटीक तापमान का अनुमान लगाना बहुत कठिन है | यह तापमान अन्तर्भाग में दबाव, पृथ्वी के घूमने पर तथा इसमें कौन से तत्व मौजूद है, इन सब बातों पर निर्भर करता है | पर ज्यादातर अन्तर्भाग का तापमान 4,400°C से 6000°C के बीच में है |  


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